पर्यावरण
परि+आवरण अर्थात हमारे चारों तरफ प्रकृति का आवरण ही पर्यावरण कहलाता है। चारों संवर्ग जड़-पदार्थ, वृक्ष-वनस्पतियां,जीव-जंतु एवं मनुष्य आदि सभी इसी पर्यावरण का महत्वपूर्ण अंग हैं और पर्यावरण प्रदूषण का इन सभी पर दुष्प्रभाव बढ़ता जा रहा है।
नभ समीर पावक नीर धरा
पंचत्वों का सुन्दर पर्यावरण।
अज्ञानता के अभिशाप से
प्रदुषण ने ओढ़ा आवरण।।
प्रकृति ने हमें वरदान स्वरुप बहुत सुंदर नैसर्गिक वातावरण दिया है लेकिन हम लोगों ने अपने स्वार्थ के कारण इसे दूषित करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। जिस कारण हमारा स्वास्थ्य और हमारा जीवन इससे बुरी तरह प्रभावित होना शुरू हो गया है। पर्यावरण प्रदूषण के कारण वातावरण में उपस्थित ऑक्सीजन की मात्रा कम होती जा रही है और कार्बन डाइऑक्साइड तथा अन्य गैसों की मात्रा बढ़ती जा रही है। ओजोन परत प्रभावित हो रही है। इन सब का कारण पर्यावरण प्रदूषण होना है।
निर्बल ओजोन से दिनकर,
दे रहा पराबैंगनी किरण।
TDS PH मिनरल बिगड़ा,
जलतत्व हुआ असंतुलन।।
हमारे कल कारखानों से निकलने वाला धुआं हमारे वातावरण को प्रदूषित करता है। उनसे निकलने वाला दूषित पदार्थ हमारी नदियों को प्रदूषित करता है। हमारे घर से आने वाला कूड़ा हमारे आस पड़ोस को प्रदूषित करता है और इसके कारण जनजीवन प्रभावित होता है। लेकिन फिर भी हम लोग इसकी प्रवाह नहीं करते। आज हमें आवश्यकता है कि हम अपने पर्यावरण को सुरक्षित रखने का उपाय कर सकें।
मिलावटी रसायन ने किया
प्रदूषित पृथ्वीतत्व का अन्न।
दूषपंचपदार्थ से बीमार हैं
आत्मा हृदय मन और तन।।
इस दिशा में सचेतना प्रगति संघ महत्वपूर्ण कदम उठाने के लिए संकल्पित है। आज आवश्यकता है कि अधिक से अधिक हम लोग डिजिटलाइज्ड वस्तुओं का प्रयोग करें ताकि पेड़ों का कटान रुक सके। क्योंकि पेड़ हमारे पर्यावरण का एक महत्वपूर्ण साधन है जो पर्यावरण को सुरक्षित और सुंदर बनाते हैं। लेकिन हमारी भौतिक आवश्यकताओं के कारण इनका कटान बढ़ता ही जा रहा है।
नरेश सक्सेना जी लिखते हैं:-
लिखता हूँ अंतिम इच्छाओं में
*कि बिजली के दाहघर में हो मेरा संस्कार
ताकि मेरे बाद*
एक बेटे और एक बेटी के साथ
एक वृक्ष भी बचा रहे संसार में।
वास्तव में उनकी यह पंक्तियां पर्यावरण सुरक्षा में महत्वपूर्ण संदेश देती हैं। आज वास्तव में आवश्यकता है हमें कि हम लोग अधिक से अधिक बिजली द्वारा चलने वाले उपकरण एवं डिजिटलाइज्ड साधनों का प्रयोग करें। ऑनलाइन शिक्षक प्रणाली अपनाकर तथा ऑनलाइन दस्तावेज, ऑफिस फाइल, ऑफिस में प्रयोग होने वाले महत्वपूर्ण डॉक्यूमेंट, इन सभी को ऑनलाइन सुरक्षित कर दिया जाए तो इन पर लगने वाला कागज जो कि पेड़ों के कटान से प्राप्त होता है बहुत हद तक रुक पाएगा। पेड़ों का कटान रुकेगा तो पर्यावरण सुरक्षित रहेगा।
किसी ने लिखा है:-
खिल रही थी प्रकृती खिल रहा था संसार।
तभी एक मानुष का हुआ उद्गार॥
तहस नहस कर दी भू-धरा।
पर मानुष फिर भी न डरा।।
वास्तव में प्रकृति को विध्वंस करने वाला दानव और कोई नहीं, हम प्राणी मात्र ही हैं। हमने प्रकृति को पूरी तरह से तहस करने में कोई कसर नहीं छोड़ी है। इसलिए सचेतना प्रगति संघ अपने अभियान द्वारा लोगों को पर्यावरण सुरक्षित करने हेतु जागरूक करेगी तथा पर्यावरण सुरक्षित करने के उपायों पर अधिक से अधिक जानकारी लोगों तक पहुंचाएगी। तथा पर्यावरण सुरक्षा हेतु हर संभव प्रयास करेगा।
पर्यावरण सुरक्षा के इस अभियान में आप सभी से अनुरोध है कि आप सहभागी बने। ताकि आने वाला कल खुशहाल हो। चिड़िया पेड़ों पर चहकती रहे। बच्चे आम की डालियों पर झूलते रहे। यही कामना है।