साहित्यिक सचेतना
सचेतना प्रगति संघ ने अपने सिद्धांतों के प्रचार प्रसार के लिए 3 जून 2023 को साहित्यिक सचेतना पटल का गठन किया। जिसमें साहित्यिक सचेतना पटल के साहित्यकारों द्वारा प्रतिदिन नियमित अद्वैतदर्शन एवं सनातन सिद्धांतों पर सत्यात्मक सृजन किया जाता है। साहित्यिक सचेतना का मुख्य उद्देश्य समाज में भारतीय अद्वैतदर्शन व सनातन सिद्धांतों को प्रतिष्ठित करना है।
साहित्यिक सचेतना के उद्देश्य:-
1- व्यक्तिगत सचेतना की जागृत हेतु साहित्यिक सचेतना द्वारा जन-जन तक अद्वैतदर्शन आधारित भारतीय वैदिक सनातन सिद्धांत को अनेकों विधाओं में सत्यात्मक लेखन और पठन की संस्कृति को बढ़ावा देने का प्रयास करना।
2. पारिवारिक सचेतना की समृद्धि हेतु साहित्यकारों की रचनाओं को आजीविकापरक बनाने का प्रयास करना। तथा साहित्य जगत में प्रेमात्मक रचनाओं को प्रोत्साहन देकर प्रेमपूर्ण वातावरण बनाने का प्रयास करना।
3. सामाजिक सचेतना की प्रगति हेतु साहित्यिक सचेतना के साहित्यकारों की रचनाओं को ऑनलाइन प्लेटफार्म पर पत्रिकाओं एवं पुस्तकों के माध्यम से प्रकाशित कर साहित्यकारों को न्यायात्मक ख्याति एवं समाज को सत्यज्ञान से लाभान्वित करने का प्रयास करना।
4. राष्ट्रीय सचेतना के उत्थान हेतु साहित्यिक सचेतना के साहित्यकारों की रचनाओं के माध्यम से आदिभौतिक, आदिदैविक, अध्यात्मिक, आयुर्वेद, वैदिक, नैतिक आदि विषयों पर पुण्यात्मक धर्मज्ञान के माध्यम से चारों संवर्गों को संरक्षित करने की जानकारी देने का प्रयास करना।