Sachetna

स्वास्तिक पत्रिका

सचेतना प्रगति संघ ने साहित्यिक सचेतना के बाद एक और स्वर्णिम उपलब्धि की ओर अपना कदम बढ़ाया। 30 जुलाई 2023 को साहित्यिक सचेतना की मासिक पत्रिका स्वास्तिक की घोषणा की गई। भारतीय अद्वैत दर्शन एवं सनातन सिद्धांतों की जानकारी एवं इसके प्रचार प्रसार के लिए स्वास्तिक का प्रकाशन अपने आप में महत्वपूर्ण उपलब्धि है। स्वास्तिक शब्द स्वस्ति अथवा स्वस्थता से बना हुआ है। स्वयं में स्थित रहने को ही स्वस्ति कहा गया है।मनुष्य सुख, सुरक्षा और सम्मान पाने की चाहत के कारण सदैव तीन ग्रंथियों दुःख, भय एवं दैन्य से अस्वस्थ,रुग्ण, बीमारी,बंधन, गुलामी एवं दासता में रहता है। जबकि मनुष्य सतरूपी अद्वैत का आत्मज्ञान प्राप्त कर दूसरों से अंतर संबंध का भाव अनुभूति कर समदृष्टता से में-तू का भेद मिटाकर,निष्पक्षता से पक्षपात का स्वार्थ मिटाकर, स्वस्थता को प्राप्त हो सकता है। स्वस्थता, स्वस्ति, स्वस्थ, मुक्त, स्वतंत्र, आजादी, मोक्ष आदि सभी स्वास्तिक के पर्याय है। अर्थात मनुष्य को बाहरी कारणों से दुःख, भय और दैन्य की ग्रंथि प्रभावित न कर सके और वह स्वात्म से सुखी, सुरक्षित और सम्मानित रहे अथवा स्वयं में स्थित रहने को ही स्वस्ति अथवा स्वास्तिक अथवा शाश्वत स्वतंत्रता कहते हैं।
स्वास्तिक पत्रिका का मुख्य उद्देश्य समाज में सनातन तथा अद्वैतदर्शन की जानकारी पहुंचना है। तथा उभरते सनातनी साहित्यकारों की रचनाओं को प्रकाशित कर मंच देना है। इस दिशा में स्वास्तिक पत्रिका अपनी उत्कृष्ट भूमिका निभा रही है।
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